3THVTX3KFLFG3R SB POETRY: Sad Ghazal in Hindi

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Thursday, April 30, 2020

Sad Ghazal in Hindi

हर एक उम्मीद टूटी थी, हर एक सपना अधूरा था*
तेरे बिन ना मैं पूरा था, ना मेरी ख़्वाहिश ही पूरी थी**
तेरा सपनो में मुझे मिलना, और चुपचाप ही रहना*
मेरे दिल को सनम, वो अंदर तक तोड़ देता था**
बताता तुझको, अपने दिल के सब जज़्बात मैं! लेकिन*
तेरा मुझसे यूँ मुड़ जाना, मेरे जज़्बात को सीने में दबा गया**
मौसम बदला, घटा छाई, बारिशें हुईं*
फिर भी मेरी मुहब्बत में, कोई कमी ना आई**
तुझे चाहा, और तुझे अपनी हिम्मत बनाया था*
तूने फिर भी मुझे लेकिन, आसमां से ज़मीं पे लाया था*** 

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