3THVTX3KFLFG3R SB POETRY: July 2020

SBPOETRY333.Blogspot.com

Friday, July 24, 2020

Safar Poetry

अभी तेरी सोच से निकला हूँ, सोचता हूँ अब किधर जाऊँ•
ख़ाली पन्ने को छोड़ दूँ, या फिर कुछ लिख जाऊँ••
परीशाँ बहुत हूँ, मैं अपनों के रवय्ये से•
सोचता हूँ अपने दिल को नरम करूँ, या फिर बदल जाऊँ••
बहुत दूर तक पैदल चला हूँ, मैं मंज़िल की तलाश में•
अभी मंज़िल नज़र नही आई, आगे चलूँ, या फिर थोड़ा ठहर जाऊँ••
बहुत शदीद गर्मी है, यहाँ ज़माने की जलन में•
बरगद का पेड़ दिख रहा है, आगे चलूँ, या फिर कुछ देर वहाँ बैठ जाऊँ•••

Monday, July 20, 2020

Ehsaas Shayari

हमने इश्क़ के समंदर में भी, गोता लगा के देख लिया*
धोखा क्या है, ये हमने मुहब्बत में पी. एच. डी. करके देख लिया**
बहुत पुरख़ुलूस थे हम, तेरे बिना भी कभी*
तेरे आने से, हमने ट्रैन को पटरी से उतरते देख लिया**
मज़ा तो अब भी वही है बारिश में, जो पहले होता था*
मगर तेरी वजह से हमने, बारिश में ओलों का गिरना भी देख लिया**
कितने सुकून से बहता है, दरिया का ख़ामोश पानी*
मगर तूफ़ान में हमने, उसको ही जहाज़ पलटते देख लिया**
समझदार वही है, जो वक़्त की नज़ाकत को समझ ले*
वरना घमंड में तो हमने, सरकार का भी तख़्ता पलटते देख लिया**

Monday, July 13, 2020

Lamhe Poetry

दुआओं का मुन्तज़िर हूँ, मुझे अपनी दुआओं से नवाज़ दें•
ज़िन्दगी के इस सफ़र में हमारा, थोड़ा आप भी साथ दें••
गुज़र गए हैं जो लम्हे, उनका अफ़सोस क्या करना*
इससे क्या फ़ायदा कि फ़लाँ ख़राब थे, और फ़लाँ लाजवाब थे**
बड़े हसीन ख़्वाब थे, मेरी आँखों में कभी मगर•
कुछ को हमने तोड़ दिया, और कुछ हमारी पहुँच से बाहर थे••
बड़ा मख़सूस रहा है सफ़र, अभी तक अपना*
अब इल्तिजा है तुझसे ऐ ख़ुदा, तू मुझे कुछ और ज़्यादा नवाज़ दे***

Thursday, July 09, 2020

Apne Poetry

कोई नही है अपना, इस फ़ानी जहान में*
सब ढूँढ रहे हैं ख़ज़ाना, यहाँ ख़ाली मकान में**
ख़ुदग़र्ज़ियों में मत उलझ, तू ऐ! इंसान बस यहाँ*
ऐसे भी हैं बहुत, जिन्हे सिर्फ़ तेरा इंतेज़ार है यहाँ**
कभी बादल का बरसना, तो कभी तेज़ धूप है*
ज़िन्दगी भी इसी तरह से, चलने का नाम है**
जो पल हैं तेरे पास, तू ज़िन्दादिल से जी उन्हे*
हर पल तेरी ज़िन्दगी का, यहाँ फ़ैज़याब है**

Monday, July 06, 2020

Waqt Poetry

वक़्त ने गर तुम्हे गिराया है, तो उठाएगा भी वही•
फ़िक्र ना कर तू किसी की, वक़्त तेरा भी आयेगा कभी••
वक़्त से ना कोई बच सका है, ना बच पाएगा कोई•
जो उठा है तकब्बुर से, तो वक़्त उसे गिराएगा भी कभी••
आज मैं! परीशाँ हूँ, तो कल खुशियाँ भी देगा ख़ुदा•
वक़्त दर वक़्त, ख़ुदा सबको बदलता है यहीं••
हँसते को रुला देता है और रोते को हँसा देता है, जब वक़्त बदलता है ख़ुदा•
मत भूल कि इस दुनिया में, कोई रहा,  ना रहेगा••
भलाई कर यहाँ कि भलाई का बदला, तुझे हर वक़्त मिलेगा••• 


Wednesday, July 01, 2020

Khushi Poetry

तुमसे दूर जाने का, कोई इरादा तो नही था!
तेरे फ़रेब ने मगर, मुझे तुझसे दूर कर दिया!!
बहुत सोचा मैंने, मगर मुझे सही जवाब ना मिला!
ना जाने कब मिलेगी वो, जो मेरी ज़िन्दगी को लाजवाब करेगी!!
कोई शातिर, कोई फ़रेबी, कोई वफ़ादार भी मिला!
तुमसा मगर हमें, कोई समझदार ना मिला!!
बहुत हसीन थे वो पल, जो तेरे साथ गुज़रे थे!
तेरा जाना मगर मुझसे, मेरी ख़ुशी को दूर ले गया!!!