ज़िन्दगी भी आजकल, कुछ इस कदर नाराज़ है हमसे!
महफ़िल में भी ढूँढता हूँ, तो तन्हाईयाँ ही मिलती हैं!!
अब ज़िन्दगी की, बस इतनी सी तमन्ना है!
तू मिल जाए, तो हम तन्हाइयों को भी महफ़िल बना देंगे!!
अब तुमसे मिलना, तो मुक़द्दर की बात है!
जो अपने हाथ में है, ना तेरे हाथ है!!
बस दुआओं का सिलसिला है अब, और तेरी याद है!
ढूँढें तुझे कहाँ, ये अँधेरी रात है!!
रोशन करेगा इसको, एक दिन मेरा ख़ुदा!
ऐसा हमारे दिल का, ऐतबार है!!
बस ख़्वाहिश का आशियाँ है, और तेरी याद है!!!
महफ़िल में भी ढूँढता हूँ, तो तन्हाईयाँ ही मिलती हैं!!
अब ज़िन्दगी की, बस इतनी सी तमन्ना है!
तू मिल जाए, तो हम तन्हाइयों को भी महफ़िल बना देंगे!!
अब तुमसे मिलना, तो मुक़द्दर की बात है!
जो अपने हाथ में है, ना तेरे हाथ है!!
बस दुआओं का सिलसिला है अब, और तेरी याद है!
ढूँढें तुझे कहाँ, ये अँधेरी रात है!!
रोशन करेगा इसको, एक दिन मेरा ख़ुदा!
ऐसा हमारे दिल का, ऐतबार है!!
बस ख़्वाहिश का आशियाँ है, और तेरी याद है!!!
Friends tell me about this Poetry please.. what do you think..
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