काश! कि तुम, हमको समझ पाती*
हमारे दिल के, जज़्बात को पढ़ पाती**
दिल क्या! हम तुम्हें अपना सब कुछ दे देते*
काश कि एक बार, तुम हमें अपना कह जाती**
कुछ ख़ास था, तुझमें शायद*
जब भी सोचा तुझे, मेरे दिल की धड़कनें बढ़ जातीं**
ये उदासी जो मेरे पास है, तेरी "अमानत" है*
तू ना आती मेरी जिंदगी में तो, इसे कहाँ जगह मिल जाती**
मेरी पाक़ मुहब्बत की सजा दी है, तूने मुझको शायद*
मेरी नीयत बिग़ड़ जाती तो, तू कहीं और ना जाती***
हमारे दिल के, जज़्बात को पढ़ पाती**
दिल क्या! हम तुम्हें अपना सब कुछ दे देते*
काश कि एक बार, तुम हमें अपना कह जाती**
कुछ ख़ास था, तुझमें शायद*
जब भी सोचा तुझे, मेरे दिल की धड़कनें बढ़ जातीं**
ये उदासी जो मेरे पास है, तेरी "अमानत" है*
तू ना आती मेरी जिंदगी में तो, इसे कहाँ जगह मिल जाती**
मेरी पाक़ मुहब्बत की सजा दी है, तूने मुझको शायद*
मेरी नीयत बिग़ड़ जाती तो, तू कहीं और ना जाती***
दोस्तों कमेंट करके जरूर बताना आपको कैसी लगी.
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