हवाओं के साथ, तेरी ख़ुशबू का ना आना#
तेरा मुझसे, इस क़दर रूठ जाना##
मुझपे तेरा, इस क़दर इल्ज़ाम लगाना#
बेगुनाह को तेरा, गुनहगार बताना##
साबित नहीं था कुछ भी, तेरा मुझपे इल्ज़ाम लगाना#
याद है मुझे अब भी, वो तेरा मुझको बेइख़्तियार ही चाहना##
कैसा गुनाह था, जिसकी सज़ा दी मुझे तूने#
मैं सोचता ही रहा, और सज़ागार हो गया##
मैं जानता हूँ, कि सूखे हुए पत्तों को जला देते हैं सब लोग#
पर तूने तो हरे पत्ते को भी, आग में जला दिया##
तेरा मुझसे, इस क़दर रूठ जाना##
मुझपे तेरा, इस क़दर इल्ज़ाम लगाना#
बेगुनाह को तेरा, गुनहगार बताना##
साबित नहीं था कुछ भी, तेरा मुझपे इल्ज़ाम लगाना#
याद है मुझे अब भी, वो तेरा मुझको बेइख़्तियार ही चाहना##
कैसा गुनाह था, जिसकी सज़ा दी मुझे तूने#
मैं सोचता ही रहा, और सज़ागार हो गया##
मैं जानता हूँ, कि सूखे हुए पत्तों को जला देते हैं सब लोग#
पर तूने तो हरे पत्ते को भी, आग में जला दिया##
Tell me freinds what are you feeling and any topic for write me..
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