कितना प्यारा था वो वादा, जो तूने मुझसे किया था#
कितनी प्यारी थीं वो शामें, जो तेरे साथ गुज़री थीं##
कितना बेरहम है ये एहसास, कि अब वो शामें ना रहेंगी#
तू मेरी ना हो सकेगी, ये यादें ही रहेंगी##
बहुत सुकून था, तेरी उन शर्बती आंखों में#
मैं पुरख़ुलूस था, तेरी मुहब्बत के साए में##
कितना प्यारा था तेरा अंदाज़, मुझसे रूठ जाने का#
कितना प्यारा था तेरा अंदाज़, मुझे मनाने का##
काश! कि फिर से लौट आयें, वो हँसी शामें#
तू खुद ही लौट आये, मुझे एहसास कराने##
कितनी प्यारी थीं वो शामें, जो तेरे साथ गुज़री थीं##
कितना बेरहम है ये एहसास, कि अब वो शामें ना रहेंगी#
तू मेरी ना हो सकेगी, ये यादें ही रहेंगी##
बहुत सुकून था, तेरी उन शर्बती आंखों में#
मैं पुरख़ुलूस था, तेरी मुहब्बत के साए में##
कितना प्यारा था तेरा अंदाज़, मुझसे रूठ जाने का#
कितना प्यारा था तेरा अंदाज़, मुझे मनाने का##
काश! कि फिर से लौट आयें, वो हँसी शामें#
तू खुद ही लौट आये, मुझे एहसास कराने##
Tell me friends how are you feel after read this Poetry....
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