3THVTX3KFLFG3R SB POETRY: जुदाई Ghazal in hindi

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Saturday, April 18, 2020

जुदाई Ghazal in hindi

तुम हमसे इस तरह, जुदा होकर चल दिए!
महफिल में थे हम, तुम तन्हा करके चल दिए!!
अब तुम ही बताओ कैसे जियें, हम तुम्हारे बिन!
तुम हमसे जिंदगी जीने का हुनर, लेकर चल दिए!!
अब तो जी रहे हैं, यादों के सहारे!
तुम तो हम से मुंह, मोड़ कर चल दिए!!
ज़िन्दगी में पहली बार, कोई साथी मिला था हमको!
तुम भी हमारा साथ,  छोड़ कर चल दिए!!
"फ़क़त" इतना बता दे मुझको!
क्यों मुझको बीच राह में,  तुम छोड़ कर चल दिए!!!




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