कितना तक़दीरवाला था वो दिन, कितनी तक़दीरवाली थी वो रात!
कि जब, तुम मेरी ज़िन्दगी में शामिल हुई थी!!
तुम्हारी आंखों ने मुझे, समझना सिखाया!
तुम्हारी बातों ने मुझे, दयालु बनाया!!
तुम्हारी मुहब्बत ने मुझे, मज़बूत बनाया!
तुम्हारे त्याग ने मुझे, अपना बनाया!!
तुम्हारे मज़बूत इरादे की कोई, मिसाल नहीं!
तुमने अपनों को छोड़, मुझे अपनाया था!!
तुम मेरी ज़िन्दगी का, अहम हिस्सा हो!
तुम मेरी किताब का, सबसे ज़रूरी क़िस्सा हो!!
तुम मेरी हो, और मैं तुम्हारा हूँ सदा के लिए!!
कि जब, तुम मेरी ज़िन्दगी में शामिल हुई थी!!
तुम्हारी आंखों ने मुझे, समझना सिखाया!
तुम्हारी बातों ने मुझे, दयालु बनाया!!
तुम्हारी मुहब्बत ने मुझे, मज़बूत बनाया!
तुम्हारे त्याग ने मुझे, अपना बनाया!!
तुम्हारे मज़बूत इरादे की कोई, मिसाल नहीं!
तुमने अपनों को छोड़, मुझे अपनाया था!!
तुम मेरी ज़िन्दगी का, अहम हिस्सा हो!
तुम मेरी किताब का, सबसे ज़रूरी क़िस्सा हो!!
तुम मेरी हो, और मैं तुम्हारा हूँ सदा के लिए!!
Hello friends tell me about this Poetry please..
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