3THVTX3KFLFG3R SB POETRY: Sad Ghazal

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Friday, May 08, 2020

Sad Ghazal

मिलना बिछड़ना, तो मुक़द्दर की बात है•
पर अपने दिल को साफ़ रखना, ये हमारे हाथ है••
हवाओं ने रुख़ बदला, घटा छायी•
फिर भी हमें लगा, कि ये मौसमी बरसात है••
मैं नहाया उस बारिश में, बहुत ख़ुश होकर•
ना था पता मुझे, कि ये मौसम के बदलने की आहट है••
टूटा हूँ इस क़दर, मैं तेरे उस ग़ुमान से•
कि फूलों को तोड़ना, मुझे बहुत आसान था••

1 comment:

  1. दोस्तों कैसा लगा मेरी ये ग़ज़ल पढ़कर ज़रूर बताएं..

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