3THVTX3KFLFG3R SB POETRY: Sad Heart Ghazal

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Monday, June 08, 2020

Sad Heart Ghazal

तुम जा रही हो मुझे छोड़कर, तो चलो कोई बात नही*
इरादा कर लिया है गर, तो चलो कोई बात नही**
समझने समझाने का वक़्त, अब नही रहा शायद*
जो कहना था तुमसे, सब कह दिया है अब**
तुम मुझको ग़लत समझ रही हो, तो चलो कोई बात नही*
एहसास शायद हो जाए तुमको मगर, चलो अभी तो कोई बात नही**
जो मौसम बदला है अब, मुझे शुबा ना था बदल जाने का*
शुक्रिया तुम्हारा, मुझे एक नया सबक़ सिखाने का**
राहें बदल रही हो, तो चलो कोई बात नही*
मगर बिना वजह रास्ते का बदलना, कोई अच्छी बात नही**

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