3THVTX3KFLFG3R SB POETRY: Badalna Shayari

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Monday, June 15, 2020

Badalna Shayari

बदल गए हो तुम शायद, या हम ही तुमको भूल बैठे हैं•
ये कैसा वक़्त आया है, कि तुम भी दूर बैठे हो और हम भी दूर बैठे हैं••
फ़ाँसला कब ये बढ़ गया, हमें मालूम ना हुआ•
तुझसे जो दूर मैं हुआ, सितम ये मुझपे क्या हुआ••
अभी उम्मीद बाक़ी है, मगर कोई राह नही दिखती• 
तेरे होने ना होने की, मुझे अब फ़िक्र नही होती••
मगर दिल भर के आता है, जब तेरे जाने का सुनता हूँ•
ख़ुदा से फिर तुझे पाने की, आरज़ू मैं करता हूँ•••

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