3THVTX3KFLFG3R SB POETRY: Ehsaas Shayari

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Monday, July 20, 2020

Ehsaas Shayari

हमने इश्क़ के समंदर में भी, गोता लगा के देख लिया*
धोखा क्या है, ये हमने मुहब्बत में पी. एच. डी. करके देख लिया**
बहुत पुरख़ुलूस थे हम, तेरे बिना भी कभी*
तेरे आने से, हमने ट्रैन को पटरी से उतरते देख लिया**
मज़ा तो अब भी वही है बारिश में, जो पहले होता था*
मगर तेरी वजह से हमने, बारिश में ओलों का गिरना भी देख लिया**
कितने सुकून से बहता है, दरिया का ख़ामोश पानी*
मगर तूफ़ान में हमने, उसको ही जहाज़ पलटते देख लिया**
समझदार वही है, जो वक़्त की नज़ाकत को समझ ले*
वरना घमंड में तो हमने, सरकार का भी तख़्ता पलटते देख लिया**

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