Khushi Poetry

तुमसे दूर जाने का, कोई इरादा तो नही था!
तेरे फ़रेब ने मगर, मुझे तुझसे दूर कर दिया!!
बहुत सोचा मैंने, मगर मुझे सही जवाब ना मिला!
ना जाने कब मिलेगी वो, जो मेरी ज़िन्दगी को लाजवाब करेगी!!
कोई शातिर, कोई फ़रेबी, कोई वफ़ादार भी मिला!
तुमसा मगर हमें, कोई समझदार ना मिला!!
बहुत हसीन थे वो पल, जो तेरे साथ गुज़रे थे!
तेरा जाना मगर मुझसे, मेरी ख़ुशी को दूर ले गया!!! 

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