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Showing posts from August, 2020

Motivational POETRY

वजूद मेरा ये मुझे बताता है, कि कितने अफ़राद को तू पसंद आता है• हो अगर ईमान की दौलत दिल में, फिर कोई बाल भी बांका कहाँ कर पाता है•• क़ामयाबी को तो, हर कोई पाना चाहता है• मगर काँटो भरे रास्ते से, कौन गुज़रना चाहता है•• मुश्किलों को, गर तू बना ले हिम्मत अपनी• देखते हैं रास्ते से, फिर तुझे कौन भटकाता है•• फ़िक्र नहीं करता है, वो आने वाले कल की कभी• क्यूँकि उसको, आज में जीने का हुनर आता है••

ASAL POETRY

समझ में आ गया है अब शायद, इस दुनिया का चलन मुझको* यहाँ दिखावे की क़ीमत ज़्यादा, और असल की कम होती है** मुश्किल बहुत है माना, बनावट के बग़ैर जीने में यहाँ* फिर भी असल में जो जिया, वही बहादुर और ऐहतराम के लायक है यहाँ** कर लो तस्लीम अपने गुनाहों को, कि तौबा का दरवाज़ा अभी खुला है मगर* आँख बंद होते ही, मौका मगर ना मिल पायेगा तुझे** फ़रेब तुम कर लो कितने भी, मगर उसे पता चल जायेगा* तेरे चेहरे का असल, एक दिन सबके सामने आ जायेगा**

Tamanna Poetry

तुमको पाने की तमन्ना, तो बहुत की थी हमने• तुमने हर बार मेरे दिल को, फिर भी रुसवा किया मगर•• अब यही सवाल, मेरे दिल में बार-बार आता है• क्या तुझे भी एहसास है, मुझसे बिछड़ जाने का•• शिकायत की है मैंने तेरी, फ़क़त अपने ख़ुदा से• ज़माने में तुझे रुस्वा, मैं करना नहीं चाहता•• उम्मीद यही है कि मिलेगी, मुझको समझने वाली एक दिन• फिर तेरे जाने पर मुझको, कोई शिक़वा ना रहेगा•• तमाम फैसले, तो मुक़द्दर बनाने वाले ने किये हैं• मगर सही, ग़लत को समझना, तो हमारे हाथ है•• 

PaL Poetry

बहुत पानी है समन्दर में, मगर खारा है* बहुत ख़ूबसूरत है ये दुनिया, मगर फ़ानी है** जी लो हर एक पल वो ख़ुशी का, जो अता किया है ख़ुदा ने तुमको* सुबह होते ही मगर, वक़्त की ताबीर बदल जाती है** शाम को हवाओं में टहलने का मज़ा, ओर ही था* अब तो हर बात में, तल्ख़ाहट निकल आती है** ऐ !ख़ुदा तुझसे मैं हर बार, सँभालने की दुआ करता हूँ* क्यूँकि मुझसे हर बात ज़माने की, भुलाई नहीं जाती**

ILtiJa Poetry

सबक़ आमोज़ हैं ये पल, बड़ी मुश्किल का वक़्त है• ख़ुदाया तेरी मदद का, बहुत मख़सूस वक़्त है•• बहुत उम्मीदवर हूँ तुझसे, के तू ही मुश्किल कुशा है• करदे अपना क़रम तू हमपे, यही हम सबकी इल्तिजा है•• जो कभी सोचा ना था हमने, वो अब देख रहे हैं• बदल दे तू अब इस वक़्त को, अपनी रज़ा से•• सुबह को अब तू हमारी, ख़ुशगवार कर दे ऐ ख़ुदा• शामों को अब हमारी, तू मुहब्बत से रोशन कर दे ऐ ख़ुदा•• बस इतनी सी इल्तिजा है मेरी, तुझसे ऐ ख़ुदा••••