ख़ुदाया तेरी मदद का, बहुत मख़सूस वक़्त है••
बहुत उम्मीदवर हूँ तुझसे, के तू ही मुश्किल कुशा है•
करदे अपना क़रम तू हमपे, यही हम सबकी इल्तिजा है••
जो कभी सोचा ना था हमने, वो अब देख रहे हैं•
बदल दे तू अब इस वक़्त को, अपनी रज़ा से••
सुबह को अब तू हमारी, ख़ुशगवार कर दे ऐ ख़ुदा•
शामों को अब हमारी, तू मुहब्बत से रोशन कर दे ऐ ख़ुदा••
बस इतनी सी इल्तिजा है मेरी, तुझसे ऐ ख़ुदा••••
No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link into the box.