3THVTX3KFLFG3R SB POETRY: ILtiJa Poetry

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Saturday, August 01, 2020

ILtiJa Poetry

सबक़ आमोज़ हैं ये पल, बड़ी मुश्किल का वक़्त है•
ख़ुदाया तेरी मदद का, बहुत मख़सूस वक़्त है••
बहुत उम्मीदवर हूँ तुझसे, के तू ही मुश्किल कुशा है•
करदे अपना क़रम तू हमपे, यही हम सबकी इल्तिजा है••
जो कभी सोचा ना था हमने, वो अब देख रहे हैं•
बदल दे तू अब इस वक़्त को, अपनी रज़ा से••
सुबह को अब तू हमारी, ख़ुशगवार कर दे ऐ ख़ुदा•
शामों को अब हमारी, तू मुहब्बत से रोशन कर दे ऐ ख़ुदा••
बस इतनी सी इल्तिजा है मेरी, तुझसे ऐ ख़ुदा••••

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