3THVTX3KFLFG3R SB POETRY: Dosti Poetry

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Monday, September 07, 2020

Dosti Poetry

ज़िन्दगी में गर तुम्हे, जो कुछ मिले या ना मिले•

इक दोस्त सच्चा मिल गया, तो फिर बेमिसाल है••

कभी धूप है सख़्त, तो कभी सर्द छाँव है•

हो सच्चा दोस्त साथ, तो फिर हर वक़्त ख़ास है••

क़ुबूल करना तू उसे, हर इक सलाहियत के साथ•

जो ख़ूबी से ख़ूबी मिले, तो फिर क्या मिसाल है••

कमाना है गर जो कुछ तुझे, तो दुवाओं को तू कमा•

दौलत से कभी, तक़दीर का लिखा नहीं मिटता••

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