3THVTX3KFLFG3R SB POETRY: Dua Poetry, Mehfooz Raho Tum

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Monday, September 28, 2020

Dua Poetry, Mehfooz Raho Tum

महफ़ूज़ रहो तुम, बर्फ़ीली ठन्डी हवाओं से*

महफ़ूज़ रहो तुम, बिगड़े मौसम की हैबतनाकी से**

महफ़ूज़ रहो तुम, तवील सफ़र की परेशानी से*

महफ़ूज़ रहो तुम, शैतान की शैतानी से**

महफ़ूज़ रहो तुम, दरिया के तूफ़ान से*



महफ़ूज़ रहो तुम, तूफ़ानी हवाओं की रफ़्तार से**

ख़ुदा हमेशा तुम्हे, सही राह पे चलाये*

महफ़ूज़ रहो तुम, गुनाहों के दलदल से**

महफ़ूज़ रहो तुम, सूरज की तपिश से*

महफ़ूज़ रहो तुम, फ़ितना अन्देज़ों के फ़ितनों से**

यही दुआ है मेरी, कि ख़ुदा तुम्हे हमेशा अपनी अमान में रखे**


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