अगर काँटों पे चल रहे हो, तो काँटों से प्यार कर*
फूलों से मुहब्बत, तुझे बेज़ार करेगी**
जो चाहिए तुझे, तू उसका तसव्वुर तो कर कभी*
चल फिर तू नेक दिल से, रास्ता ना बदल कभी**
फिर रोशन होगा एक दिन, मुस्तक़बिल तेरा ज़रूर*
जब दिल में तेरे, तसव्वुर की नेक ख्वाहिशें होंगी**
ग़ुरबत में जो जिया, वो मुश्किलों से ना हारा*
हारा वही, जो मुश्किलों का तसव्वुर ना कर सका**
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