3THVTX3KFLFG3R SB POETRY: Poetry on Life

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Wednesday, September 09, 2020

Poetry on Life

अगर काँटों पे चल रहे हो, तो काँटों से प्यार कर*

फूलों से मुहब्बत, तुझे बेज़ार करेगी**

जो चाहिए तुझे, तू उसका तसव्वुर तो कर कभी*

चल फिर तू नेक दिल से, रास्ता ना बदल कभी**



फिर रोशन होगा एक दिन, मुस्तक़बिल तेरा ज़रूर*

जब दिल में तेरे, तसव्वुर की नेक ख्वाहिशें होंगी**

ग़ुरबत में जो जिया, वो मुश्किलों से ना हारा*

हारा वही, जो मुश्किलों का तसव्वुर ना कर सका**

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