3THVTX3KFLFG3R SB POETRY: Positive Thoughts Poetry

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Sunday, September 13, 2020

Positive Thoughts Poetry

कुछ पल के लिए वक़्त, बदला तो है मगर•

फिर रात अँधेरी छँट के, सुबह आयेगी ज़रूर••

इस वक़्त में, तू सब्र का दामन ना छोड़ना•

फल सब्र का मीठा बहुत, होता है जान ले••

कुछ पंछी अभी तक लौटे नहीं, अपने मक़ाम पे•


होगा मगर अंधेरा, तो घर आएंगे ज़रूर••

सुन तन्हाईयों की भी आवाज़, कि इनका तुझसे ताल्लुक ज़रूर है•

कभी पुकारता है झरना, कभी वादियों को तेरा इंतेज़ार है••

ख़ुशी मिलेगी जो तुझे, तो करना इनसे तू प्यार•

वरना चल देना तू एक, मुसाफ़िर की तरह सफ़र में••

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