3THVTX3KFLFG3R SB POETRY: Ek Bharat Shreshth Bharat par Kavita

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Sunday, December 20, 2020

Ek Bharat Shreshth Bharat par Kavita

Poem एक भारत श्रेष्ठ भारत पर कविता- Poem on unity of India-

आज हमारे देश में एक गन्दी राजनीति हो रही है।  जिसका प्रमुख मुद्दा हिन्दू मुस्लिम और जातिवाद है। मैं आपके लिए इस पृष्ठ पर (ek bharat shreshth bharat par kavita) लेकर आया हूँ, जिसमें मेरा सपना है कि हमारा भारत देश एक और श्रेष्ठ हो ताकि हर वर्ग का व्यक्ति ख़ुश रह सके। यही सब वर्णन हमने इस कविता (poem on ek bharat shreshth bharat) लिखी है। उम्मीद है आपको अवश्य पसंद आयेंगी। ज़्यादा जानने के लिए हमारी ये कविता अवश्य पढ़ें। 

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कविता एक भारत श्रेष्ठ भारत

कविता








आओ सब अपना एक फर्ज़ निभाएँ। 

एक नया भारत हम बनायें।। 

जिसमें ना हो कोई भेदभाव। 

ना हो जिसमें कोई लड़ाई।।

हों हिन्दू-मुस्लिम सब एक समान। 

ऐसा एक भारत हम बनायें।।

एक भारत, श्रेष्ठ भारत हम बनायें। 

जात पात का ना हो बंधन।। 

सब रहें मिलकर एक समान। 

ऐसा बनें मेरा भारत महान।। 


मेरे सपनो का भारत कविता 


धर्म की ना हो जहाँ, राजनीति। 

विकास पर ही हो, राजनीति।। 

ऐसा एक नया, भारत हम बनायें। 

आओ हम सब अपना एक फर्ज़ निभाएँ।। 

शिक्षा का हो प्रसार जहाँ। 

अनपढ़ ना हो कोई जहाँ।। 

कोई भूख से ना मरने पाये। 

किसान मज़दूर हों ख़ुश जहाँ।। 

ऐसा एक इन्क़लाब ले आयें। 

महिला सुरक्षित भारत 


आओ सब एक नया भारत हम बनायें।। 

जिसकी माने पूरी दुनिया। 

शान्ति का सन्देश हम लायें।। 

कोई भी कानून से जहाँ बचने ना पाये। 

कालाधन अपने देश ले आयें।। 

औरत का ना हो शोषण जहाँ। 

भृष्टाचार को जड़ से मिटायें।। 

हर व्यक्ति को उसका हक़ दिलायें। 

ऐसा खुशहाल भारत हम बनायें।।

आपस में ना झगड़ हम पायें। 

एक भारत, श्रेष्ठ भारत हम बनायें।। 

दोस्तों अगर आपको हमारा ये पोस्ट पसंद आया तो ये भी पढ़ें- किसान आंदोलन पर कविता 

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