किसान पर कविता। किसान आंदोलन पर कविता। बारिश और किसान पर कविता। किसान के दर्द पर कविता। Poem on farmer in hindi।
हमारे देश कृषि प्रधान देश है और हमारे देश 70 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। भारत की आत्मा गाँवो में बसती है और गाँवो में किसान बसते हैं। आज हमारे देश का किसान बहुत मुश्किल भरे दौर से गुज़र रहा है इसीलिए हमारे देश में पिछले 1 महीने से किसान आंदोलन कर रहा है और सरकार से इंसाफ़ माँग रहा है इन्ही बातों को ध्यान में रखकर मैंने ( Kisaan Aandolan par kavita in hindi ) लिखी है और इसमें (किसान पर कविता ) तथा (किसान और बारिश पर कविता ) और (किसान की व्यथा पर कविता ) लिखी है इस प्रकार मैंने किसान की सभी समस्याओं पर कविता लिखी है उम्मीद करता हूँ आपको अवश्य पसंद आयेंगी।
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किसान पर कविता इन हिन्दी
अपने आप से लड़ता आया हूँ, हर बार मैं पिसता आया हूँ।
बस बहुत हुआ अब और नही, मुझ पर ये गर्दिश और नही।।
सरकार से दबता आया हूँ, अंग्रेज़ों से लड़ता आया है।
मुश्किल से पेट मैं भरता हूँ, कर्ज़े में दबता आया हूँ।।
क्यूँ मुझको ना समझा जाता है, क्यूँ मुझको सताया जाता है।
क्या मेरा कोई सपना नही, क्या मेरा कोई अपना नही।।
हक़ माँगना अपना चाहता हूँ, मैं चैन से जीना चाहता हूँ।
कानून ना मुझ पर तुम थोपो, किसान को मरने से तुम रोको।।
मेहनत मैं करता आया हूँ, दामों को तरसता आया हूँ।
बस बहुत हुआ अब और नही, इस बार मैं कहने आया हूँ।।
किसान आंदोलन पर कविता
बैठे हुए हैं किसान सर्द ठन्डी रात में।
बैचैन हैं किसान आने वाले कल की मार से।।
मुश्किल घड़ी है जाने कब बदलेगी ये तस्वीर।
आंदोलनों में कब तक उलझा रहेगा अब किसान।।
कब समझेगी सरकार किसानों की समस्या।
कब बेफिक्र होगा फिर हमारे देश का किसान।।
दिल किसान का तोड़कर ना कोई चैन पायेगा।
जवाब देगा जब किसान तो वो मुँह की खायेगा।।
मजबूर है ये मुश्किल से पेट पाल रहा है।
जीने दो इसे इसने तुम्हारा कौन सा नुकसान किया है।।
किसान के दर्द पर कविता
भारत के किसान ग़रीब हो रहे हैं।
देश के राजनेता कहाँ सो रहें हैं।।
कभी सस्ते दामों की मार है।
तो कभी आंदोलन में किसान है।।
फसल काटने के वक़्त पर किसान रोड पर सरकार की राह देख रहे हैं।
हमारे देश के किसान गरीब हो रहे हैं।।
क्यूँ राजनीति भी यहाँ किसानों पर हो रही है।
क्यूँ सरकार आँखे बन्द किए संसद भवन पार्लियामेंट में सो रही है।।
गेहूँ की फसल बारिश से बर्बाद हो रही है।
किसान की आँखे मदद की राह टोह रही है।।
किसान और बारिश पर कविता
गेहूँ की फसल पकी तभी बारिश को आना है।
किसान और बारिश के प्यार का किस्सा पुराना है।।
आलू की फसल लगी तो ओले के साथ बारिश भी आना है।
किसान और बारिश के प्यार का किस्सा पुराना है।।
आम की फसल चली तो बारिश को ना आना है।
किसान और बारिश के प्यार का किस्सा पुराना है।।
कभी बारिश का आना है कभी फसल का पक जाना है।
बारिश से किसान की चिंताओं का रिश्ता पुराना है।।
कभी बारिश के होने की दुआ है तो कभी ना होने की दुआ है।
किसान और बारिश के प्यार का किस्सा पुराना है।।
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