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Showing posts from September, 2020

Dua Poetry, Mehfooz Raho Tum

महफ़ूज़ रहो तुम, बर्फ़ीली ठन्डी हवाओं से* महफ़ूज़ रहो तुम, बिगड़े मौसम की हैबतनाकी से** महफ़ूज़ रहो तुम, तवील सफ़र की परेशानी से* महफ़ूज़ रहो तुम, शैतान की शैतानी से** महफ़ूज़ रहो तुम, दरिया के तूफ़ान से* महफ़ूज़ रहो तुम, तूफ़ानी हवाओं की रफ़्तार से** ख़ुदा हमेशा तुम्हे, सही राह पे चलाये* महफ़ूज़ रहो तुम, गुनाहों के दलदल से** महफ़ूज़ रहो तुम, सूरज की तपिश से* महफ़ूज़ रहो तुम, फ़ितना अन्देज़ों के फ़ितनों से** यही दुआ है मेरी, कि ख़ुदा तुम्हे हमेशा अपनी अमान में रखे**

Tera Kirdaar Poetry

वक़्त दर वक़्त, तेरा क़िरदार बदलता चला गया* हमें ख़बर भी ना हुई, तू इतना दूर चला गया** दिल ये चाहता है कि अब तुझसे, मुलाक़ातें बहुत मख़सूस सी हों• तुझे भूलना अब मेरे दिल को, मंज़ूर होता चला गया•• सज़ा मिली है हमें, बेख़ता की तुमसे* अब हमें, तेरे ज़िक्र को सुनना बहुत दुश्वार हो गया** दोस्ती का हाथ बढ़ा रही हो, कहीं कोई नई चाल तो नही• अगर नही, तो फिर इस एहसान की वजह क्या है•• कैसे कर लूँ मैं यक़ीं तुम पर, ये मुमक़िन तो नही है* फिर ज़ख़्म, कोई नया देने का इरादा तो नही है**

Positive Thoughts Poetry

कुछ पल के लिए वक़्त, बदला तो है मगर• फिर रात अँधेरी छँट के, सुबह आयेगी ज़रूर•• इस वक़्त में, तू सब्र का दामन ना छोड़ना• फल सब्र का मीठा बहुत, होता है जान ले•• कुछ पंछी अभी तक लौटे नहीं, अपने मक़ाम पे• होगा मगर अंधेरा, तो घर आएंगे ज़रूर•• सुन तन्हाईयों की भी आवाज़, कि इनका तुझसे ताल्लुक ज़रूर है• कभी पुकारता है झरना, कभी वादियों को तेरा इंतेज़ार है•• ख़ुशी मिलेगी जो तुझे, तो करना इनसे तू प्यार• वरना चल देना तू एक, मुसाफ़िर की तरह सफ़र में••

Poetry on Life

अगर काँटों पे चल रहे हो, तो काँटों से प्यार कर* फूलों से मुहब्बत, तुझे बेज़ार करेगी** जो चाहिए तुझे, तू उसका तसव्वुर तो कर कभी* चल फिर तू नेक दिल से, रास्ता ना बदल कभी** फिर रोशन होगा एक दिन, मुस्तक़बिल तेरा ज़रूर* जब दिल में तेरे, तसव्वुर की नेक ख्वाहिशें होंगी** ग़ुरबत में जो जिया, वो मुश्किलों से ना हारा* हारा वही, जो मुश्किलों का तसव्वुर ना कर सका**

Dosti Poetry

ज़िन्दगी में गर तुम्हे, जो कुछ मिले या ना मिले• इक दोस्त सच्चा मिल गया, तो फिर बेमिसाल है•• कभी धूप है सख़्त, तो कभी सर्द छाँव है• हो सच्चा दोस्त साथ, तो फिर हर वक़्त ख़ास है•• क़ुबूल करना तू उसे, हर इक सलाहियत के साथ• जो ख़ूबी से ख़ूबी मिले, तो फिर क्या मिसाल है•• कमाना है गर जो कुछ तुझे, तो दुवाओं को तू कमा• दौलत से कभी, तक़दीर का लिखा नहीं मिटता••

Meri Soch Poetry

दिल को मेरे अब टूटने की, आदत-सी हो गई शायद* पहले वो, ओर अब तुम भी चली गई** क़याम कौन करेगा, ये समझना बहुत दुश्वार है मगर* जो ठहर गया हमारे दिल में तो फिर, वो तमाम उम्र रहेगा** जो हो सकेगा हमसे, उसमें इज़ाफ़े की कोशिश करेंगे* तुम्हारी ख़ातिर हम, हर ख़ुशी की फ़रियाद करेंगे** इल्तिजा इतनी रहेगी, फ़क़त तुमसे हमारी* ना करना कोशिश, हमें बदलने की तुम कभी** सुकून की बात पे हम सदा, तुम्हारे साथ रहेंगे* ज़रा ग़लत हुआ, तो हम ही तुम्हारे ख़िलाफ़ रहेंगे**

Guzre Lamhe Poetry

बहुत सम्भाल के रखे हैं, हमने वो हसीं लम्हे* तुम्हारे साथ जो गुज़रे, वो दिन कमाल के थे** वक़्त,  मुड़ता नहीं पीछे वरना* हम उन लम्हों को, ओर यादगार बनाते** तुम्हारा मेरी आँखों को पढ़ लेना, बहुत सुकून देता था* ख़फ़ा हूँ ख़ुद से मैं मगर, कि उस वक़्त में हम ज़्यादा समझदार ना हुए** वो वक़्त, बड़ी ख़ामोशी से बीतता चला गया* ओर हम तुमसे इस क़दर दूर, फिर होते चले गए** पर दिल से यही दुआ, तुम्हारे लिए निकलती है* जहाँ भी तुम रहो, खुशियाँ तुम्हारे दामन में हों वहाँ**