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Showing posts from May, 2020

Sahi Raah Poetry in Hindi

मुश्किल में हूँ बहुत, मुझे सही राह चाहिए* ऐ! रब मुझे तेरी मदद, बारहा चाहिए** खुशियों की जो घड़ी थी, कहीं गुम हो गई मगर* उसे ढूँढ़ने में मुझे, तेरी रज़ा चाहिए** तू हो जाये ख़ुश अगर मुझसे, तो क्या बात है* मेरी ये ज़िन्दगी, तो फिर बेमिसाल है** तू! मुश्किल कुशा है, तू ही हमारा निगेहबान है* हर ग़म से है वो दूर, जिसके तू साथ है** सुनले मेरी दुआ, के तू बड़ा रहीम है* कि ये पूरा आलम, तेरी रज़ा के बिना बेकार है***

Purpose Shayari in Hindi

सोच रहा हूँ कि, कैसे समझाऊँ तुम्हे! हाल अपने दिल का, कैसे बताऊँ तुम्हे!! अपनी पाक मुहब्बत का यक़ीन, कैसे दिलाऊँ तुम्हे! जिस क़दर मैंने तुम्हे चाहा है, कैसे बताऊँ तुम्हे!! कोई तरक़ीब तू लगा, कोई लहज़ा मैं सोचता हूँ! बात आँखों से करते हैं, कि मैं आँखों से कहता हूँ!! कुछ तो हूँ मैं मजबूर, कुछ तू भी तो नाराज़ है! निकालें मिलके कोई रास्ता, चलो हम अपने मिलने का!! कुछ तू भी चले मेरी तरफ, कुछ मैं भी कदम बढ़ाता हूँ! कि मिल जाएँ किसी मोड़ पर, यूँ ही हम अचानक से!!!

Mousam Poetry

सरसरी-सी हवाओं का मौसम* छू रहा है दिल को ये बहारों का मौसम** हर पेड़ की डाली पर फल और फूल हैं * हरे-हरे पत्तों की ख़ुशबू मन को मोहित करती है** पक्षियों की चहचहाट कानो में रस भरती है* वो पके हुए फलों का टूटकर गिरना** हमारे मुँह को रस से भर देता है* कोयल का सुरीली आवाज़ में गाना दिल को ठंडक देता है** चारों तरफ हरियाली देखकर आँखों को सुकून मिलता है* पौधों का फूलों से भर जाना हमें ख़ुश कर देता है**

बिछड़ने वाली शायरी

कुछ बहुत अजीब था, उसकी आँखों में शायद* तभी तो उसको देखे बिना, मेरा गुज़ारा ना रहा** तुझे क्या पता, कि चाँद निकलता था तेरे दरवाज़े से* तुझको देखा नही अगर, तो मेरी ईद ना हुई** पंछी जिस तरह, अपने घोंसले से जुदा होता है* उस तरह मैंने भी ख़ुद को देखा है, फड़फड़ाते हुए** मगर उसने तो, दूसरे दरख़्त पर बना लिया घर अपना* मेरा तो उस दिन से, किसी घर में गुज़ारा ना हुआ** बहुत नाज़ है तुझको ऐ! दरख़्त, अपनी फूलों की डाली पर* बदलेगा मौसम करवट जिस दिन, वो डाली भी टूट जाएगी***

Mother's Day Wishes

तेरी गोद में सिर रखकर, सारी दुनिया का सुकूँ मिलता है माँ* तेरे आँचल में, हर दर्द भूल जाता हूँ मैं माँ** तेरा त्याग, सारी दुनिया की मुहब्बत से ज़्यादा है माँ* तू ख़ुद गीले में सोई है, और मुझे सूखे में सुलाया है माँ** तू बहुत प्यारी बहन, बेटी और सबसे प्यारी है माँ* हर क़िरदार, तू बड़ी शिद्दत से निभाती है माँ** हो हमें दुख, तो तू तड़प जाती है माँ* माँ! ख़ुदा का सबसे अनमोल तोहफ़ा है** चूम लो इसके हाथों को, कि इन हाथों ने सदा तेरे लिए दुआ की है***

Love Shayari

तुझसे दूर जाना, मुमक़िन-सा नही था! तुझे पास बुलाना भी, बहुत मुश्किल था!! इसी कश्मकश में, कट रही थी ज़िन्दगी! क्या तुझको, मुझे भुला पाना मुमकिन था!! सोचता हूँ कि शायद, तेरा भी दिल पिघलेगा! तू माँगेगी मुझे रब से, और वो तुझे अता करेगा!! ना जाने कहाँ चली गई तेरी वो क़शिश, मुझे पाने की! तू बादल गई है, या तुझको तड़प ना रही मुझे पाने की!! फैंसला जो भी करेगा मेरा रब, वो बरहक़ होगा! अगर तू मेरी हुई तो, तुझ पर मेरा हक़ होगा!! 

Sad Ghazal

मिलना बिछड़ना, तो मुक़द्दर की बात है• पर अपने दिल को साफ़ रखना, ये हमारे हाथ है•• हवाओं ने रुख़ बदला, घटा छायी• फिर भी हमें लगा, कि ये मौसमी बरसात है•• मैं नहाया उस बारिश में, बहुत ख़ुश होकर• ना था पता मुझे, कि ये मौसम के बदलने की आहट है•• टूटा हूँ इस क़दर, मैं तेरे उस ग़ुमान से• कि फूलों को तोड़ना, मुझे बहुत आसान था••

I Miss You Shayari in Hindi

जब-जब, वो हँसी शाम आई! जब-जब, वो मौसमी घटा छाई!! मुझको तेरी याद, बेइन्तेहा आई! मैंने जब भी दिल के किसी कोने में, झांक-कर देखा!! हर एक जगह पे मुझे, तू ही तू नज़र आई! बदल जाता मैं भी, मौसम की तरह एक दिन लेकिन!! इन आँखों में मगर हर बार, तेरी ही तस्वीर उभर आई!! जब भी मेरे फ़ोन की, घंटी बजी अचानक से! दिल में बस मेरे, तेरे ही होने का एहसास करा गई!! तुम क्या जानो, मैं तुम्हे किस क़दर महसूस करता हूँ! जैसे किसी प्यासे को, दरिया की तलाश हो!!

वक़्त ग़ज़ल

वो ऐसा क्या था उस शख़्स में, जो मुझमें ना था* वो तेरा हो गया, और मुझको ज़रा ख़बर ना हुई** वक़्त दर वक़्त, वो करवटे बदलता रहा* और हमें लगा, कि सिक्का अपना ही चलता रहा** हुई सुबह, जब नींद से जागे हम* सूरज की तपिश से पता चला, कि मौसम में अब वो नमी ना रही** ख़्वाबों में मिल रहे थे, हम तुमसे बारहा* आँखें खुली तो पता चला, कि तू बस ख़्वाब में ही अपना था** होगा तुझे एहसास, तेरी इस बेख़ुदी का एक दिन* तब तक तो हम भी पा चुके होंगे, नया हमसफर***

Love Shayari in Hindi

शदीद गर्मियों के मौसम में! सुलाया था तूने मुझे, जब अपनी घनी ज़ुल्फ़ों की छाओं में!! किस क़दर, ख़ुशग़वार हुआ था मौसम! उन हवाओं की, सोंधी सी ख़ुशबू से!! मगर अब उस बाग़ की डाली पे, वो बहार ना रही! तू किसी और की हो रही थी, और मुझे ख़बर ना रही!! मेरी हर ख़ुशी ले गई, तेरी ये नाराज़गी जो रही! सब्र करूँ मैं! कैसे, तेरे जाने पर!! तू मेरे दिल में बसी है, हर एक ठिकाने पर! मैं ख़ुशनसीब हूँ बहुत शायद, जो इतना अरसा तेरे साथ रहा!! बिखर के रह गया है वो, जिसको तेरा इन्तेज़ार रहा! अब है बस यही एक आस, मेरे दिल को!! लौटेगी फिर वही बहार, शायद मुझे मनाने को!!!

Smile is a Gift of God Poetry

हर एक मोड़ पर, तू मुस्कुराहटें बिखेरता चल! मिले जो ग़म तुझे कहीं, तू उसे भी मुस्कुरा के ले!! चला जायेगा ग़म भी एक दिन, तेरी मुस्कान देखकर! ज़माना रश्क़ करेगा, तेरी मुस्कान पर एक दिन!! अधूरा होगा जो कोई, तेरी मुस्कान से शायद! वो हो जाये, कभी पूरा!! तू ख़ुद को इतनी, बुलंदियों का सितारा बना के चल! अगर कोई रूठा मनाना हो, तो तू मुस्कुरा देना!! अगर किसी का दर्द कम होता हो, तो तू मुस्कुरा देना! किसी की याद सताए तुझे, तो तू मुस्कुरा देना!! ख़ुदा का तुझको बहुत अनमोल, उपहार है मुस्कान! होंठो पे इसको अपने सदा, तू आबाद ही रखना!!