Sad Ghazal in Hindi
हर एक उम्मीद टूटी थी, हर एक सपना अधूरा था* तेरे बिन ना मैं पूरा था, ना मेरी ख़्वाहिश ही पूरी थी** तेरा सपनो में मुझे मिलना, और चुपचाप ही रहना* मेरे दिल को सनम, वो अंदर तक तोड़ देता था** बताता तुझको, अपने दिल के सब जज़्बात मैं! लेकिन* तेरा मुझसे यूँ मुड़ जाना, मेरे जज़्बात को सीने में दबा गया** मौसम बदला, घटा छाई, बारिशें हुईं* फिर भी मेरी मुहब्बत में, कोई कमी ना आई** तुझे चाहा, और तुझे अपनी हिम्मत बनाया था* तूने फिर भी मुझे लेकिन, आसमां से ज़मीं पे लाया था***